श्री कक्कया स्वामी गुरुराज वर्यम । वीरशैव धर्म हितस्य दक्षम ॥
कक्करी क्षेत्र निवासीनम त्वम । नमामी अनुभवमन्टपम वरिश्टम ॥
शरण कार्य कल्पद्रुम गुरु सार्वभौम । श्री कक्केरीधीराज महाप्रसादी ॥